आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".roqo"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम ".roqo"
ग़ज़ल
रोक सको तो पहली बारिश की बूंदों को तुम रोको
कच्ची मिट्टी तो महकेगी है मिट्टी की मजबूरी
मोहसिन भोपाली
ग़ज़ल
दिल की दुनिया हिलती है रोको अपनी नज़रों को
काफ़िर लूटे लेती हैं आज तजल्ली-ख़ाना भी
साग़र निज़ामी
ग़ज़ल
उठो 'अज़्म' इस आतिश-ए-शौक़ को सर्द होने से रोको
अगर रुक न पाए तो कोशिश ये करना धुआँ खो न जाए
अज़्म बहज़ाद
ग़ज़ल
मुझ को मत रोको कि मैं इतना थकन से चूर हूँ
फिर ठहर ही जाऊँगा मैं अब अगर ठहरा कहीं
भारत भूषण पन्त
ग़ज़ल
पुर-दर्द जो दिल में उन्हें रोको न फ़ुग़ाँ से
होते हैं ये ख़ामोश तो करते हैं फ़ुग़ाँ और
अर्श मलसियानी
ग़ज़ल
रोको न चश्म-ए-शोख़ को मेरी तरफ़ से तुम
आँखें हैं दिल नहीं कि मिलाया न जाएगा