आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "Dibbo.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "Dibbo.n"
ग़ज़ल
हम दोनों मिल कर भी दिलों की तन्हाई में भटकेंगे
पागल कुछ तो सोच ये तू ने कैसी शक्ल बनाई है
जौन एलिया
ग़ज़ल
गए दिनों का सुराग़ ले कर किधर से आया किधर गया वो
अजीब मानूस अजनबी था मुझे तो हैरान कर गया वो
नासिर काज़मी
ग़ज़ल
'फ़ैज़' दिलों के भाग में है घर भरना भी लुट जाना भी
तुम इस हुस्न के लुत्फ़-ओ-करम पर कितने दिन इतराओगे