आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "aaha.ng-e-badii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "aaha.ng-e-badii"
ग़ज़ल
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
कैसे टेढ़ा न चले मार बड़ी मुश्किल है
सीधी हो ज़ुल्फ़-ए-गिरह-दार बड़ी मुश्किल है
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
ग़र्क़-ए-कैफ़ियत-ए-आहंग-ए-तरब सुन तो सही
ज़िंदगी दर्द में डूबी हुई आवाज़ भी है
राम कृष्ण मुज़्तर
ग़ज़ल
दिल ब-अफ़्ज़ाइश-ए-ख़ुद्दारी-ए-आहंग-ए-सुख़न
ख़ाएफ़-ए-अहल-ए-नज़र हो ये ज़रूरी तो नहीं
हादिस सलसाल
ग़ज़ल
जाने दो इन नग़्मों को आहंग-ए-शिकस्त-ए-साज़ न समझो
दर्द-भरी आवाज़ तो सुन लो दर्द-भरी आवाज़ न समझो
क़मर जमील
ग़ज़ल
ज़बान-ए-'मीर' से आहंग-ए-'दाग़'-ओ-'फ़ानी' से
ग़ज़ल के हुस्न को हम बा-वक़ार करते हैं