आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "adhuure"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "adhuure"
ग़ज़ल
अधूरे ख़्वाबों से उकता के जिस को छोड़ दिया
शिकन-नसीब वो बिस्तर मिरी तलाश में है
कृष्ण बिहारी नूर
ग़ज़ल
ख़्वाब अधूरे रह जाते हैं नींद मुकम्मल होने से
आधे जागे आधे सोए ग़फ़लत भर हुश्यारी की
ज़ुल्फ़िक़ार आदिल
ग़ज़ल
अधूरे ख़्वाबों से उकता के जिस को छोड़ दिया
शिकन-नसीब वो बिस्तर मिरी तलाश में है
कृष्ण बिहारी नूर
ग़ज़ल
सुनने वाला कोई अगर होता कहते दिल की बातों को
उस के बिना तो आज अधूरे अपने फ़साने लगते हैं
कविता किरन
ग़ज़ल
कहानी ख़त्म होती है कभी अंजाम से पहले
अधूरे ना-मुकम्मल से ये क़िस्से मार देते हैं