आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "afu-e-gunaah"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "afu-e-gunaah"
ग़ज़ल
क़ुबूल-ए-तौबा-ओ-अफ़्व-ए-गुनह सब कुछ सही लेकिन
कभी ना-कर्दनी की ख़ुद पशेमानी नहीं जाती
शाकिर नायती
ग़ज़ल
मुझ को आलूदा रखा इस मिरी गुमराही ने
अरक़-ए-शर्म-ए-गुनह भी तो बहाने न दिया