आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ajmal"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ajmal"
ग़ज़ल
मिरे लहू में है बर्क़-ए-तपाँ का जज़्ब-ओ-गुरेज़
तिरे सुबू में मय-ए-ज़िंदगी न ज़हर-ए-अजल
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
ऐसे मौसम में भी शरह-ए-दिल किए जाता हूँ मैं
जब कि इस इज्माल की तफ़्सील ही मुमकिन नहीं
अब्बास ताबिश
ग़ज़ल
मरता भला है ज़ब्त की ताक़त अगर न हो
कितना ही दर्द-ए-दिल हो मगर चश्म-ए-तर न हो
हकीम मोहम्मद अजमल ख़ाँ शैदा
ग़ज़ल
चर्चा हमारा इश्क़ ने क्यूँ जा-ब-जा किया
दिल उस को दे दिया तो भला क्या बुरा क्या
हकीम मोहम्मद अजमल ख़ाँ शैदा
ग़ज़ल
ख़त जो तेरे नाम लिखा, तकिए में छुपा के रखता हूँ
जाने किस उम्मीद पे ये ता'वीज़ दबा के रखता हूँ
अजमल सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
दर्द को रहने भी दे दिल में दवा हो जाएगी
मौत आएगी तो ऐ हमदम शिफ़ा हो जाएगी