आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "angare"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "angare"
ग़ज़ल
तअ'ज्जुब क्या लगी जो आग ऐ 'सीमाब' सीने में
हज़ारों दिल में अंगारे भरे थे लग गई होगी
सीमाब अकबराबादी
ग़ज़ल
सारे रिश्ते जेठ-दुपहरी गर्म हवा आतिश अंगारे
झरना दरिया झील समुंदर भीनी सी पुर्वाई अम्माँ
आलोक श्रीवास्तव
ग़ज़ल
अबस पम्बा न रख दाग़-ए-दिल-ए-सोज़ाँ पे तू मेरे
कि अंगारे पे होगा चारागर रूई से क्या हासिल
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
शाम गए ये मंज़र हम ने मुल्कों मुल्कों देखा है
घर लौटें बोझल क़दमों से बुझे हुए अंगारे लोग
अज़रा नक़वी
ग़ज़ल
अलग अलग तासीरें इन की, अश्कों के जो धारे हैं
इश्क़ में टपकें तो हैं मोती, नफ़रत में अंगारे हैं
अजमल सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
ज़मीं यख़-बस्ता हो जाती है जब जाड़ों की रातों में
मैं अपने दिल को सुलगाता हूँ अँगारे बनाता हूँ
सलीम अहमद
ग़ज़ल
लफ़्ज़ों के इस जादूगर के प्यारे प्यारे शे'र
अंगारे दामन में रक्खे और निकाले फूल
मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
ग़ज़ल
हम तो ग़म की एक इक शिद्दत बाहर आने से रोकें
उस की आँखें बाज़ न आईं अंगारे बरसाने से
हुमैरा रहमान
ग़ज़ल
तअज्जुब क्या लगे गर आग ऐ 'सीमाब' सीने में
हज़ारों दिल में अंगारे भरे थे लग गई होगी
सीमाब अकबराबादी
ग़ज़ल
हमारी राह में बिखरे हैं जो हर सम्त अंगारे
अरे 'रिज़वान' इसी आतिश को तो गुलज़ार होना है
रिज़वान हैदर
ग़ज़ल
ख़ाल-ए-मुश्कीं ने दिल ऐसा ही जलाया है कि बस
कोएलों पर भी ये धोका है कि अंगारे हैं