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ग़ज़ल
रऊफ़ सादिक़
ग़ज़ल
उन के होंटों पर तबस्सुम उन की आँखों में जलाल
चाहने वाले मिसाल-ए-माही-ए-बे-आब सब
सय्यद आशूर काज़मी
ग़ज़ल
पैदा किया है क़ल्ब ने सीमाब का ख़वास
हासिल न क्यों हो माही-ए-बे-आब का ख़वास