aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "ba-zid"
जो कहा जिस ने ब-ज़िद है उसे मनवाने मेंबात कुछ और उलझती गई सुलझाने में
दिल भी ब-ज़िद है और तक़ाज़ा-ए-यार भीइक बोझ है अना का लबादा उतार भी
दर्द कुछ दिन तो मेहमाँ ठहरेहम ब-ज़िद हैं कि मेज़बाँ ठहरे
आस जीने पे है ब-ज़िद लेकिनवक़्त ने मारने की ठानी है
कहानी थी सादा मगर कुछ तो थाज़माना ब-ज़िद था सुनाते रहे
जो ब-ज़िद थे मुझे हराने परउन का रुस्वाइयों से पाला है
दलीलें ढेर सारी तू ज़मीं हैब-ज़िद इस पर कि तेरा आसमाँ हूँ
आँसू ब-ज़िद कि साथ हमारे ही जाएगालेकिन घनेरी पलकों ने काजल पकड़ लिया
हम ब-ज़िद हैं कि उन को देखेंगेउन के होंटों पे लन-तरानी है
मैं हाथ की लकीरें मिटाने पे हूँ ब-ज़िदगो जानता हूँ नक़्श नहीं ये सलेट के
पूछने वाले ब-ज़िद हैं कि बताया जाएरोने वालों को नहीं याद कि क्यूँ रोते हैं
दिल ब-ज़िद है कि वही बात कहोसब को जिस बात से डर लगता है
जन्नत पुकारती है कि मैं हूँ तिरे लिएदुनिया ब-ज़िद है मुझ से कि जन्नत करो मुझे
बाँध मत जूड़े में उल्टे हाथ सेतू ब-ज़िद है तो ये गजरे थाम पर
ब-ज़िद न हो कि तिरी पैरवी ज़रूरी हैहम अपने आप को बेहतर सुधार सकते हैं
कश्कोल मोहब्बत की तलब फिर भड़क उट्ठीदेखा जो ब-ज़िद उस में नवाज़िश का इरादा
ब-ज़िद है आज जहाँ को तबाह करने परये आदमी कि जिसे कोई इख़्तियार नहीं
करने वाला ही तो करता है करिश्मे वर्नाहर कोई दरिया ब-ज़िद पार नहीं कर सकता
कौन है मेरी तबाही का सबब क्या लिखूँमेरा ख़ामा है ब-ज़िद नाम तुम्हारा लिक्खूँ
मेरी जानिब से इजाज़त है चले जाओ मगरदिल ब-ज़िद है तो ठहर जाओ ग़ज़ल होने तक
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