आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bada e makhmoor tanweer e maikhana makhmoor dehlvi ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "bada e makhmoor tanweer e maikhana makhmoor dehlvi ebooks"
ग़ज़ल
किसी की नर्गिस-ए-मख़मूर कुछ कह दे इशारों में
मज़ा है रात दिन चलती रहे परहेज़-गारों में
दाग़ देहलवी
ग़ज़ल
सर में राह-ए-इश्क़ पर चलने का है सौदा अभी
कौन सी मंज़िल है मेरी ये नहीं सोचा अभी
प्रेम लाल शिफ़ा देहलवी
ग़ज़ल
बढ़ गया बादा-ए-गुल-गूँ का मज़ा आख़िर-ए-शब
और भी सुर्ख़ है रुख़्सार-ए-हया आख़िर-ए-शब
मख़दूम मुहिउद्दीन
ग़ज़ल
तुम गुलिस्ताँ से गए हो तो गुलिस्ताँ चुप है
शाख़-ए-गुल खोई हुई मुर्ग़-ए-ख़ुश-इल्हाँ चुप है