आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "be-mol"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "be-mol"
ग़ज़ल
प्यार के नाम पे बे-मोल ही बिक जाते हैं
हम को आता नहीं जज़्बों की तिजारत करना
फ़हमीदा मुसर्रत अहमद
ग़ज़ल
दुनिया को अपना कर हम ने ख़ुद को फिर बे-मोल किया
कौन गिनाए तुम को 'बालिग़' किस किस के तुम होले हो
इरफ़ान अहमद मीर
ग़ज़ल
वफ़ा के बोल पर बे-मोल बिक जाती है ये दुनिया
अगर हो बे-सर-ओ-सामाँ तो ये सिक्के खरे रखियो