aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "be-samar"
मेरी सारी ज़िंदगी को बे-समर उस ने कियाउम्र मेरी थी मगर उस को बसर उस ने किया
बे-असर बे-समर तिरा मिलनासिर्फ़ तस्वीर-भर तिरा मिलना
बे-समर सोहबतों से बेहतर हैंरंजिशें उल्फ़तों से बेहतर हैं
तमाम रिश्ते उसी शाख़-ए-बे-समर से हैंतलाश उन्ही को है घर की जो निकले घर से हैं
हवा-ए-बे-तरफ़-ओ-फ़स्ल-ए-बे-समर गुज़रीतिरे बग़ैर गुज़रना ही क्या मगर गुज़री
ये कार-ए-बे-समर है अगर कर लिया तो क्याइक दाएरे में हम ने सफ़र कर लिया तो क्या
बे-समर मौसमों में जन्मी हूँज़र्द पत्तों का दुख समझती हूँ
वो इक शजर जो किसी रुत में बे-समर न रहाये किस ने काट दीं शाख़ें कि फिर शजर न रहा
ये आह-ए-बे-असर क्या हो ये नख़्ल-ए-बे-समर क्या होन हो जब दर्द ही यारब तो दिल क्या हो जिगर क्या हो
एक फलदार पेड़ हूँ लेकिनवक़्त आने पे बे-समर भी हूँ
कौन पत्थर उठाएये शजर बे-समर है
दिल की गवाही के लिए रस्म-ए-दुआ बुरी न थीरंज-ए-ख़ुमार-ए-बे-समर ढूँडने उस के घर गए
इन पत्थरों के साए में रुकना फ़ुज़ूल हैबे-बर्ग-ओ-बे-समर हैं ये कोहसार देखना
फूल ख़ूँ-बहा माँगेआँख बे-समर चमके
ज़ंजीर है जज़ीरा है या शाख़-ए-बे-समरअब कौन सी लकीर सलामत है हात की
ज़िंदगी कट रही है 'बासिर' कीबे-समर कारोबार में मसरूफ़
राएगाँ हो गई मिरी मेहनतऔर ये बे-समर शजर मेरा
सब्ज़ पेड़ों के बीच इक पौदाबे-समर बेकली से शर्मिंदा
ख़ामुशी ख़ुद कलाम करती हैये शजर बे-समर नहीं होता
कभी गले न लगाया मुझे मगर फिर भीतवाफ़ करने पड़े शहर-ए-बे-समर के मुझे
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books