aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "be-suud"
दिल से बे-सूद और जाँ से ख़राबहो रहा हूँ कहाँ कहाँ से ख़राब
ये इश्क़-विश्क़ काविश-ए-बे-सूद है ऐ दोस्तऐसी है ये ख़ुशी कि जो महदूद है ऐ दोस्त
बे-सूद है गुफ़्तार जो किरदार नहीं हैकिरदार हो तो हाजत-ए-गुफ़्तार नहीं है
कोशिशें बे-सूद हैं बेकार हर तदबीर हैहुस्न की सरकार में हर आह बे-तासीर है
बे-सूद एक सिलसिला-ए-इम्तिहाँ न खोलसब देख देखता ही चला जा ज़बाँ न खोल
ऐ मेरी आँखो ये बे-सूद जुस्तुजू कैसीजो ख़्वाब ख़्वाब रहीं उन की आरज़ू कैसी
सुख़नवरी का ये बे-सूद कारोबार है क्याजुनून-ए-शीशा-गरी का मआल-ए-कार है क्या
हुआ जब टूटना अबतर नवा बे-सूद शीशे काउठा शहर-ए-क़ज़ा में मुद्दआ' ना-बूद शीशे का
दिन-रात राह-ए-इश्क़ में बे-सूद आह करहै हुस्न का तक़ाज़ा कि ख़ुद को तबाह कर
बे-सूद है ये जोश-ए-गिर्या ऐ शम्अ' सहर हो जाने तकछींटा तिरे अश्क-ए-पैहम का पहुँचा न कभी परवाने तक
रोका अना ने काविश-ए-बे-सूद से मुझेउस बुत को अपना हाल सुनाने नहीं दिया
कोशिश-ए-बे-सूद मुशव्वश न करक़अर न बन जाए किनारा मुझे
हम ने बे-सूद तिरे साथ मोहब्बत की हैइतनी बे-सूद कि पाने की भी चाहत नहीं की
कार-ए-बे-सूद है मुझे नाहक़क़द से ऊँचा कोई ख़िताब न दे
अक़्ल कहती है तिरी सारी तग-ओ-दौ बे-सूददिल कहे इश्क़ में बे-सूद ज़ियाँ तक जाऊँ
हमारी कोशिश-ए-बे-सूद उस को क्या पातीहुसूल जिस का था मुमकिन फ़क़त मुक़द्दर से
पंद-ए-बे-सूद से बेहतर था कि याहू कहतेकाश इंसाँ के एवज़ बनते कबूतर वाइज़
मैं देखता रहता हूँ कि वो खिड़की है ख़ालीता-हाल यही रौनक़-ए-बे-सूद है मुझ में
फुरसत-ए-बे-सूद सई-ए-राइगाँ रखते थे हमथा दुआओं से परे वो आस्ताँ रखते थे हम
चारा-गर कोशिश-ए-बे-सूद है तदबीर-ए-इलाजहम न होते तो मरज़ क़ाबिल-ए-दरमाँ होता
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