आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "buz-dilii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "buz-dilii"
ग़ज़ल
सब बहादुर हैं यहाँ ज़िक्र-ए-अजल होने तलक
बुज़-दिली इस को कहूँ या ख़ून की तासीर है
उबैदुल्लह सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
मेरे सब्र-ओ-दर-गुज़र को न समझना बुज़-दिली तुम
ये तुम्हें पड़ेगा महँगा जो दिमाग़ चल गया तो
सलाम नज्मी
ग़ज़ल
इक तबस्सुम के तसव्वुर में फ़िदा जान न कर
इतनी ता’जील अभी ओ दिल-ए-जाँ-बाज़ नहीं
बिशन दयाल शाद देहलवी
ग़ज़ल
काकुल-ए-कहकशाँ खुले आरिज़-ए-ला-मकाँ मिले
दिलबर-ए-हस्त-ओ-बूद का काश कहीं निशाँ मिले