आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chashma-e-bedaar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "chashma-e-bedaar"
ग़ज़ल
शम्-ए-अफ़रोख़्ता जब बज़्म में देखो यारो
हाल-ए-'बेदार'-ए-जिगर-सोख़्ता वाँ याद करो
मीर मोहम्मदी बेदार
ग़ज़ल
हालत-ए-'बेदार' अब क्या कीजिए आप आगे बयाँ
वक़्त है अब भी अगर तशरीफ़ फ़रमाते हो तुम
मीर मोहम्मदी बेदार
ग़ज़ल
शैख़ की मस्जिद से ऐ 'बेदार' क्या है तुझ को काम
सज्दा-गह अपना सनम के आस्ताँ का संग है
मीर मोहम्मदी बेदार
ग़ज़ल
हुआ है दीदा-ए-'बेदार' गुल-फ़िशाँ जब से
गिरा है तब से ये अब्र-ए-बहार आँखों से
मीर मोहम्मदी बेदार
ग़ज़ल
शेर कहना गरचे छोड़ा तू ने ऐ 'बेदार' आज
कह ग़ज़ल ऐसी कि हो बज़्म-ए-सुख़न-संजाँ में धूम
मीर मोहम्मदी बेदार
ग़ज़ल
'बेदार' ज़ुल्फ़ खींचे इधर चश्म-ए-यार उधर
हैराँ है दिल कहाँ न रहे किस के हाँ रहे
मीर मोहम्मदी बेदार
ग़ज़ल
'अजब की साहिरी उस मन-हरन के चश्म-ए-फ़त्ताँ ने
दिया काजल सियाही ले के आँखों से ग़ज़ालाँ की
मीर मोहम्मदी बेदार
ग़ज़ल
डरता हूँ कि दिल हर दम मलता है न हो जावे
उस चश्म-ए-सितम-गर का बीमार ख़ुदा-हाफ़िज़
मीर मोहम्मदी बेदार
ग़ज़ल
बिकने मोती लगे बाज़ार में कौड़ी कौड़ी
याद में तेरी ज़ि-बस चश्म-ए-गुहर-बार हुए