aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "chattaan"
अगरचे मैं इक चटान सा आदमी रहा हूँमगर तिरे बा'द हौसला है कि जी रहा हूँ
हम से टकरा गई ख़ुद बढ़ के अँधेरे की चटानहम सँभल कर जो बहुत चलते थे नाचार गिरे
ज़िंदगी संग-दिल सही लेकिनआईना भी इसी चटान में है
चटख़ उठा हो सुलगती चटान की सूरतपुकार अब तू मिरे देर-आश्ना मुझ को
जोशिश-ए-ख़ूँ ने अपने फ़न का हिसाबएक चुप इक चटान में रक्खा
हमेशा सर पे रही इक चटान रिश्तों कीये बोझ वो है जिसे उम्र-भर उठाया है
आ कर गिरा था कोई परिंदा लहू में तरतस्वीर अपनी छोड़ गया है चटान पर
है जिस्म सख़्त मगर दिल बहुत ही नाज़ुक हैकि जैसे आइना महफ़ूज़ इक चटान में है
फूल पानी में गिर पड़े सारेअच्छी जुम्बिश चटान में आई
तमाम तेशा-ब-दस्त हैरत में गुम हुए हैंचराग़ से काट दी हवा की चटान मैं ने
हम भी अपना मुजस्समा रख आएरात अंधी चटान के आगे
कोई पैकर पुकारता है मुझेसामने की चटान तक हो आऊँ
शल उँगलियों से थाम रखा है चटान कोछूटा जो हाथ से ये किनारा तो मैं गया
मिरे क़रीब से गुज़रा नहीं है संग-तराशमुजस्समा हूँ मैं अब तक मगर चटान में हूँ
बाहर से चटान की तरह हूँअंदर की फ़ज़ा में थरथरी है
मैं पत्थरों से ही सर को पटख़ के लौट आयाचटान कहती रही मुझ में शाहकार भी है
पटक के तोड़ दिया जिस ने नीशा-ए-जाँ कोमें जू-ए-शीर सा पिन्हाँ उसी चटान में था
रेत सी उड़ रही है क्यूँ 'उज़मा'लग गया घुन किसी चटान में क्या
फिर एक बार ग़लत निकला ये क़यास मिरागिरा चटान पे तो आबशार टूटेगा
हर एक शख़्स को मजबूर 'आह' मत जानोकि शीशे भी कहीं बन कर चटान रहते हैं
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