आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "diivaanii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "diivaanii"
ग़ज़ल
जिस का चाँद सा चेहरा था और ज़ुल्फ़ सुनहरी बादल सी
मस्त हवा का आँचल थामे एक दिवानी लगती थी
फ़रह इक़बाल
ग़ज़ल
अक़्ल गई है सब की खोई क्या ये ख़ल्क़ दिवानी है
आप हलाल मैं होता हूँ इन लोगों को क़ुर्बानी है
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
ग़ज़ल
सर से सारे ख़्वान ख़ुशबू के बिखर कर रह गए
ख़ाक-ए-ख़ेमा तक हवा पहुँची तो दीवानी हुई
इरफ़ान सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
जगत सबहहा अमत बरहमुख अटक कहसवा ममन करन खा
दिवानी केनी तुमन सुरीजन न सुध की गर पर न बुध की झाला
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
जितने आग के दरिया में सब पार हमीं को करना हैं
दुनिया किस के साथ आई है दुनिया तो दीवानी है