आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "doge"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "doge"
ग़ज़ल
कब तक दिल की ख़ैर मनाएँ कब तक रह दिखलाओगे
कब तक चैन की मोहलत दोगे कब तक याद न आओगे
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
हमारे दीदा-ए-बे-ख़्वाब को तस्कीन क्या दोगे
हमें लूटा है दुनिया ने सितारो तुम तो सो जाओ
क़ाबिल अजमेरी
ग़ज़ल
आँख से है वस्ल का इक़रार दिल दुगदा में है
तुम ज़बाँ से अपनी कह दोगे तो क्या हो जाएगा
बेख़ुद देहलवी
ग़ज़ल
दाद-ख़्वाहों से वो कहते हैं कि हम भी तो सुनें
दोगे तुम हश्र में सब मिल के दुहाई क्यूँकर
दाग़ देहलवी
ग़ज़ल
अरे मुझ पे नाज़ वालो ये नियाज़-मंदियाँ क्यों
है यही करम तुम्हारा तो मुझे न दोगे जीने
मजरूह सुल्तानपुरी
ग़ज़ल
अनवर मिर्ज़ापुरी
ग़ज़ल
आज यूसुफ़ पे अगर वक़्त ये लाए हो तो क्या
कल तुम्हीं तख़्त भी दोगे इसी ज़िंदानी को