आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "fitna"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "fitna"
ग़ज़ल
'फ़राज़' इश्क़ की दुनिया तो ख़ूब-सूरत थी
ये किस ने फ़ित्ना-ए-हिज्र-ओ-विसाल रक्खा है
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
ये फ़ित्ना आदमी की ख़ाना-वीरानी को क्या कम है
हुए तुम दोस्त जिस के दुश्मन उस का आसमाँ क्यूँ हो
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
जल्वा ज़ार-ए-आतिश-ए-दोज़ख़ हमारा दिल सही
फ़ित्ना-ए-शोर-ए-क़यामत किस के आब-ओ-गिल में है
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
क़यामत आएगी या आ गई इस की शिकायत क्या
क़यामत क्यूँ न हो जब फ़ित्ना-ए-रोज़-ए-जज़ा तुम हो
मुज़्तर ख़ैराबादी
ग़ज़ल
देखिए मौत आए 'फ़ानी' या कोई फ़ित्ना उठे
मेरे क़ाबू में दिल-ए-बे-सब्र-ओ-ताब आने को है
फ़ानी बदायुनी
ग़ज़ल
उस फ़ित्ना-ख़ू के दर से अब उठते नहीं 'असद'
उस में हमारे सर पे क़यामत ही क्यूँ न हो
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
है तिरे फ़ित्ना-ए-रफ़्तार का शोहरा क्या क्या
गरचे देखा न किसी ने सर-ए-राहे जाते