आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "gholtii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "gholtii"
ग़ज़ल
वो तो इक हल्की सी दस्तक दे के रुख़्सत हो गया
इक सदा रस घोलती दिन-रात कानों में रही
आनन्द सरूप अंजुम
ग़ज़ल
मैं ख़ुद को जैसे अपने पास ही महसूस करता हूँ
मिरे अल्फ़ाज़ में रस घोलती हैं शोख़ियाँ उस की
इम्तियाज़ अहमद क़मर
ग़ज़ल
ज़ीस्त नफ़रत में मोहब्बत घोलती अब क्यूँ नहीं है
वादियों में इश्क़ है फिर आशिक़ी अब क्यूँ नहीं है
रितेश सिंह 'राहिल'
ग़ज़ल
फ़ज़ा में कर्ब का एहसास घोलती हुई रात
हवस की खिड़कियाँ दरवाज़े खोलती हुई रात
पी पी श्रीवास्तव रिंद
ग़ज़ल
दिल की गिनती न यगानों में न बेगानों में
लेकिन उस जल्वा-गह-ए-नाज़ से उठता भी नहीं
फ़िराक़ गोरखपुरी
ग़ज़ल
ख़ुद-ब-ख़ुद नींद सी आँखों में घुली जाती है
महकी महकी है शब-ए-ग़म तिरे बालों की तरह