आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "girja-ghar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "girja-ghar"
ग़ज़ल
मस्जिद मंदिर गिरिजा-घर में अश्क बहाना क्या होता है
तुम क्या जानो रात तहज्जुद हाथ उठाना क्या होता है
कँवल मलिक
ग़ज़ल
माथे पे पड़ी ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर हिला दी
क्यूँ तुम ने दिल-ए-ख़ुफ़्ता की ज़ंजीर हिला दी
आर पी शोख़
ग़ज़ल
बाँधना दिल को मिरे ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर के साथ
ख़ूब खेलेगा ये क़ैदी तेरी ज़ंजीर के साथ
असग़र निज़ामी
ग़ज़ल
क़ातिल है तिरी ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर की ज़ंजीर
शमशीर की शमशीर है ज़ंजीर की ज़ंजीर
मुज़फ़्फ़र अली असीर
ग़ज़ल
क़िस्मत असीर-ए-ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर हो गई
ज़ुल्मत में घिर के महवर-ए-तनवीर हो गई
ग़ुलाम याह्या अंजुम
ग़ज़ल
दिल से क्या पूछता है ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर से पूछ
अपने दीवाने का अहवाल तू ज़ंजीर से पूछ
इम्दाद इमाम असर
ग़ज़ल
क़ैद-ए-उल्फ़त का मज़ा ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर में है
बस यही रंग मिरे ख़्वाब की ता'बीर में है
यूनुस ग़ाज़ी
ग़ज़ल
जो दिल-आवेज़ है उस ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर की बू
ऐसी आलम में किसी की नहीं तासीर की बू
हकीम आग़ा जान ऐश
ग़ज़ल
शब को उलझे थे तिरी ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर से हम
अब परेशान हैं उसी ख़्वाब की ता'बीर से हम