आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "guth"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "guth"
ग़ज़ल
सातों सुरों में मुतरिब गत भी ये गुथ रहे हैं
हैं सम पे आ ठहरते यकजा नदान आठों
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
रा'द के साथ है 'इंशा' मिरे नाले का वो रूप
जैसे गुठ जाती हैं सुम दून में तिर्वट से लिपट
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
हमारी आह जैसे लख़्त-ए-दिल से गुथ के निकले है
कहीं देखी हैं तीं इस लुत्फ़ से फूलों की भी छड़ियाँ
क़ाएम चाँदपुरी
ग़ज़ल
दाम-ए-बला से अब 'बक़ा' हम से असीर कब छुटें
रिश्ता-ए-ग़म से गुथ गए बाल-ब-बाल पर-ब-पर
बक़ा उल्लाह 'बक़ा'
ग़ज़ल
मेरी हिम्मत देखना मेरी तबीअत देखना
जो सुलझ जाती है गुत्थी फिर से उलझाता हूँ मैं
जिगर मुरादाबादी
ग़ज़ल
सीना-ए-सोज़ाँ में 'साक़िब' घुट रहा है वो धुआँ
उफ़ करूँ तो आग दुनिया की हवा देने लगे
साक़िब लखनवी
ग़ज़ल
मेरी घुट्टी में पड़ी थी हो के हल उर्दू ज़बाँ
जो भी मैं कहता गया हुस्न-ए-बयाँ बनता गया