आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "haazirii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "haazirii"
ग़ज़ल
सरवर आलम राज़
ग़ज़ल
अभी से फ़ल्सफ़ा-ए-रेग-ज़ार की बातें
अभी तो इश्क़ के मकतब में हाज़िरी हुई है
शहज़ाद अंजुम बुरहानी
ग़ज़ल
यूँ बज़्म-ए-नाज़ में आने के हम नहीं क़ाइल
न हो सलाम-ए-मोहब्बत तो हाज़िरी क्या है
अल-हाज अल-हाफीज़
ग़ज़ल
हाज़िरी लगती है शायद तिरे दरबार में अब
आज-कल सुन्दुस-ओ-कम-ख़्वाब बहुत देखता हूँ
मोहम्मद हनीफ़ कातिब
ग़ज़ल
यूँ पुकार है घर पर चल मुशा’एरे 'रौशन'
हाज़िरी की आवाज़ें पड़ रही हैं थाने से