आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ishariya e kalam e faiz ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ishariya e kalam e faiz ebooks"
ग़ज़ल
'फ़राज़'-ओ-'फ़ैज़' के दिलकश कलाम को पढ़ कर
मोहब्बतों का तरीक़ा सिखा रहा था मैं
मोहसिन आफ़ताब केलापुरी
ग़ज़ल
मंज़र अय्यूबी
ग़ज़ल
'फ़ैज़' दिलों के भाग में है घर भरना भी लुट जाना भी
तुम इस हुस्न के लुत्फ़-ओ-करम पर कितने दिन इतराओगे
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
क़दम को फ़ैज़-ए-जुनूँ से वो हौसला है नसीब
जो ख़ार-ए-राह को भी शम-ए-रहगुज़ार करे