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ग़ज़ल
नासिर काज़मी
ग़ज़ल
तन्हाई के झूले खोलेंगे हर बात पुरानी भूलेंगे
आईने से तुम घबराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
सईद राही
ग़ज़ल
वही ताएरों के झुरमुट जो हवा में झूलते थे
वो फ़ज़ा को देखते हैं तो अब आह भर रहे हैं
उबैदुल्लाह अलीम
ग़ज़ल
क़तील शिफ़ाई
ग़ज़ल
अदब है मैं जो झुकाए हुए हूँ आँख अपनी
ग़ज़ब है तुम जो न देखो नज़र उठा के मुझे