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ग़ज़ल
याद मुझ को करने वाले मेरे प्यारे मर गए
जिन को मुझ से थी मोहब्बत लोग सारे मर गए
सैयद जॉन अब्बास काज़मी
ग़ज़ल
हर शख़्स अपना होता नहीं 'जौन' जान ले
तुझ को कहीं लिहाज़-ओ-मुरव्वत न मार दे
सैयद जॉन अब्बास काज़मी
ग़ज़ल
मैं उस के सामने से गुज़र के गया तो 'जौन'
नज़रें नहीं मिलीं थीं फ़क़त हम-नवाई थी