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ग़ज़ल
आज यक़ीनन मेंह बरसेगा आज गिरेगी बर्क़ ज़रूर
अँखियाँ भी पुर-शोर बहुत हैं कजरा भी घनघोर बहुत
उमर अंसारी
ग़ज़ल
दिल आबाद कहाँ रह पाए उस की याद भुला देने से
कमरा वीराँ हो जाता है इक तस्वीर हटा देने से