आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kanastar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "kanastar"
ग़ज़ल
हमारी नस्ल के ख़ाली कनस्तर ये बताते हैं
तलो में कुछ नहीं है डालडा में कुछ नहीं रक्खा
खालिद इरफ़ान
ग़ज़ल
ये 'नसीर' शाम-ए-सुपुर्दगी की उदास उदास सी रौशनी
ब-कनार-ए-गुल ज़रा देखना ये तुम्ही हो या कोई और है
नसीर तुराबी
ग़ज़ल
शोर-ए-जौलाँ था कनार-ए-बहर पर किस का कि आज
गर्द-ए-साहिल है ब-ज़ख़्म-ए-मौज-ए-दरिया नमक
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
मिरे आगे तो अब कुछ दिन से हर आँसू मोहब्बत का
कनार-ए-आब-ए-रुक्नाबाद ओ गुलगश्त-ए-मुसल्ला है
जोश मलीहाबादी
ग़ज़ल
बोस-ओ-कनार-ओ-वस्ल-ए-हसीनाँ है ख़ूब शग़्ल
कमतर बुज़ुर्ग होंगे ख़िलाफ़ इस ख़याल के