आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "khajuur"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "khajuur"
ग़ज़ल
ख़ुश्क खजूर के पत्तों से जब नींद का बिस्तर सजता था
ख़्वाब-नगर की शहज़ादी गलियों में आन निकलती थी
हम्माद नियाज़ी
ग़ज़ल
दूल्हा ख़ुद भी लूट रहा है मिस्री बादाम और खजूर
ससुरे को भी मारे धक्का ये मालूम न वो मालूम
पागल आदिलाबादी
ग़ज़ल
मिरे मुक़द्दर में जो लिखा था नसीब से वो पहुँच न पाया
गिरा तो था आसमान से कुछ खजूर में रह गया अटक कर
नातिक़ लखनवी
ग़ज़ल
बस इस लिए ही तो वो राज़ मैं ने राज़ रखा
मुझे ख़बर है कि तेरा क़ुसूर निकलेगा