आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "khove"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "khove"
ग़ज़ल
ख़ाकसारी क्या अजब खोवे अगर दिल का ग़ुबार
ख़ाक से देखो कि आईना सफ़ा क्यूँकर हुआ
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
ख़ातम-ए-दस्त-ए-सुलैमाँ से हूँ 'क़ाएम' मैं अज़ीज़
सख़्त पछताए वो जो हाथ से खोवे मुझ को
क़ाएम चाँदपुरी
ग़ज़ल
फ़ना बुलंदशहरी
ग़ज़ल
अंधेरा ज़ेहन का सम्त-ए-सफ़र जब खोने लगता है
किसी का ध्यान आता है उजाला होने लगता है
वसीम बरेलवी
ग़ज़ल
खोने और पाने का जीवन नाम रखा है हर कोई जाने
उस का भेद कोई न देखा क्या पाना क्या खोना होगा