आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ko.enaa"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ko.enaa"
ग़ज़ल
हिजरतों का ख़ौफ़ था या पुर-कशिश कोहना मक़ाम
क्या था जिस को हम ने ख़ुद दीवार-ए-जादा कर लिया
मुनीर नियाज़ी
ग़ज़ल
अनवर मिर्ज़ापुरी
ग़ज़ल
किसी की याद से इस उम्र में दिल की मुलाक़ातें
ठिठुरती शाम में इक धूप का कोना ज़रूरी है
शोएब बिन अज़ीज़
ग़ज़ल
हमेशा क्या पियूँगा मैं इसी कोहना-सिफ़ाली मैं
मिरे आगे कभी तो साग़र-ए-ज़रफ़ाम आएगा
शाद अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
दहकता है कलेजे में कसक का कोएला अब तक
अभी तक दिल के बाम-ओ-दर पे हिज्र ओ ग़म के साए हैं
किश्वर नाहीद
ग़ज़ल
कभी सोचा भी है ऐ नज़्म-ए-कोहना के ख़ुदा-वंदो
तुम्हारा हश्र क्या होगा जो ये आलम कभी बदला