आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kundii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "kundii"
ग़ज़ल
चिड़ियों की चहकार में गूँजे राधा मोहन अली अली
मुर्ग़े की आवाज़ से बजती घर की कुंडी जैसी माँ
निदा फ़ाज़ली
ग़ज़ल
सरगोशी करते पर्दे कुंडी खटकाता नट-खट दिन
दबे दबे क़दमों से तपती छत पर जाती दो-पहरें
इशरत आफ़रीं
ग़ज़ल
देखो ना-उम्मीदी को ऐसे ठेंगा दिखलाते हैं
अक्सर अपने घर की कुंडी ख़ुद हम ने खटकाई यार
शमीम अब्बास
ग़ज़ल
शुरफ़ा हैं बा-असर हैं मगर फ़ाक़ा-मस्त हैं
कुंडी तलक हिलेगी न उन के किवाड़ में