आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mahv-e-naaz"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "mahv-e-naaz"
ग़ज़ल
हुजूम-ए-ग़म-गुसाराँ यूँ तो है हर गाम पर लेकिन
जिसे हम ढूँडते हैं 'नाज़' वो अक्सर नहीं मिलता
नाज़ बट
ग़ज़ल
तुम उस को बेवफ़ा ऐ 'नाज़' साबित कर न पाओगे
बड़ी लम्बी सी इक फ़ेहरिस्त है उस पर बहानों की
कृष्ण कुमार नाज़
ग़ज़ल
तुम्हारे हाथों में शाइर का है क़लम ऐ 'नाज़'
किताब-ए-दिल पे मोहब्बत का हाशिया लिख दो
नाज़ क़ादरी
ग़ज़ल
करे तेग़-ए-निगाह-ए-नाज़ लोहा तेज़-तर अपना
लहू में डूबने को दिल भी है सीना सिपर अपना
शेर सिंह नाज़ देहलवी
ग़ज़ल
जो क़ल्ब-ओ-जाँ में न सोज़-ए-ख़ुलूस हो ऐ 'नाज़'
दुआ के ताक़ में कैसे जले असर का चराग़
नाज़ क़ादरी
ग़ज़ल
किसी भी हाल में ऐ 'नाज़' हम नहीं मायूस
कभी ज़माने की हम पर भी यक नज़र होगी
मुज़फ़्फ़रुन्निसा नाज़
ग़ज़ल
जो अपनी आन पर ऐ 'नाज़' अपनी जान देते थे
ज़माने में नज़र अब ऐसे दीवाने नहीं आते