आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "majmua"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "majmua"
ग़ज़ल
दिल-ए-आशिक़ भी क्या मज्मुआ-ए-अज़्दाद होता है
उधर आबाद होता है इधर बर्बाद होता है
जिगर मुरादाबादी
ग़ज़ल
ये आलम क्या है इक मजमूआ' है नाचीज़ ज़र्रों का
ये दुनिया क्या है इक तरकीब अज्ज़ा-ए-परेशाँ की
जोश मलीहाबादी
ग़ज़ल
वो माज़ी जो है इक मजमुआ अश्कों और आहों का
न जाने मुझ को इस माज़ी से क्यूँ इतनी मोहब्बत है
अख़्तर अंसारी
ग़ज़ल
लगा रखता है उस की नज़्र को चश्म-ए-तमन्ना ने
वो इक आँसू कि मजमू'आ है सारी दिल की ताक़त का
मुंशी नौबत राय नज़र लखनवी
ग़ज़ल
मैं 'अनवर' हूँ मुझे समझो मुझे देखो पढ़ो मुझ को
हर इक मजमूआ'-ए-उल्फ़त का कामिल तर्जुमाँ मैं हूँ
अनवर सादिक़ी
ग़ज़ल
मैं भी मज्मुआ-ए-अज़्दाद हूँ दुनिया की तरह
कहीं सहरा कहीं गुलज़ार मिरी ज़ात में है