आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "malzuum"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "malzuum"
ग़ज़ल
कई दिन हो गए या-रब नहीं देखा है यार अपना
हुआ मालूम यूँ शायद किया कम उन ने प्यार अपना
ताबाँ अब्दुल हई
ग़ज़ल
तअ'ल्लुक़ और शिकायत लाज़िम-ओ-मलज़ूम होते हैं
अगर बाहम वतीरा दरगुज़र होता तो अच्छा था
मास्टर निसार अहमद
ग़ज़ल
मेराज-ए-मोहब्बत में हुईं लाज़िम-ओ-मलज़ूम
है एक कशिश मेरी वफ़ा तेरी जफ़ा में
अब्बास अली ख़ान बेखुद
ग़ज़ल
क्यों मिज़ाज-ए-ज़िंदगी मग़्मूम सा होने लगा
ज़ौक़-ए-लुत्फ़-ओ-सरख़ुशी मा'दूम सा होने लगा
इनाम थानवी
ग़ज़ल
है सोज़-ओ-साज़ का रिश्ता कि लाज़िम-ओ-मलज़ूम
बला है दिल के लिए और दिल बला के लिए
सय्यद शब्बीर हसन रिज़वी
ग़ज़ल
क़रार-ओ-बे-क़रारी लाज़िम-ओ-मलज़ूम हैं दोनों
न 'फ़रमान' इस पे हर्फ़ आए न उस पर कोई बार आए