आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mauruusii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "mauruusii"
ग़ज़ल
आदमिय्यत से हैं दूर इन ज़ाहिदों के क़ौल-ओ-फ़े'अल
हक़्क़-ए-मौरूसी था मेरा क्यूँ मैं जन्नत माँगता
आग़ा अकबराबादी
ग़ज़ल
पेट की ज़िल्लत ने बिल-आख़िर बाज़ारों नीलाम किया
इज़्ज़त जाने क़ैद थी कब से मौरूसी तह-ख़ानों में
फ़रहान हनीफ़ वारसी
ग़ज़ल
मौजूदी से इंकारी है अपनी ज़िद में नाज़-ए-वजूद
हालत सी हालत बरपा है अल्लाह-हू के बाड़े में
जौन एलिया
ग़ज़ल
एतिबारात हैं ये हस्ती-ए-मौहूमी के
फ़िल-हक़ीक़त तो कोई ख़ाँ है न नव्वाब है याँ
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
ग़ज़ल
दुनिया ने सदा समझा दीवाने को फ़रज़ाना
फ़रज़ाना हक़ीक़त में था सब में जो दीवाना
मौलाना अबुल आला मौदूदी
ग़ज़ल
मज़मून 'आली बाँधता हूँ तेरे क़द की वस्फ़ में
मुझ तब्अ कूँ सोहबत ने तेरी जब से मौज़ूनी दिया