आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mittal"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "mittal"
ग़ज़ल
शादाँ न हो गर मुझ पे कड़ा वक़्त पड़ा है
तू ज़द में है जिस वक़्त की उस से भी कड़ा है
गोपाल मित्तल
ग़ज़ल
शिकवा अब गर्दिश-ए-अय्याम का करते क्यूँ हो
ख़्वाब देखे थे तो ता'बीर से डरते क्यूँ हो