आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mo'tabar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "mo'tabar"
ग़ज़ल
दिल मिरे दिल मुझे भी तुम अपने ख़वास में रखो
याराँ तुम्हारे बाब में मैं ही न मो'तबर रहा
जौन एलिया
ग़ज़ल
मैं ये जानता था मिरा हुनर है शिकस्त-ओ-रेख़्त से मो'तबर
जहाँ लोग संग-ब-दस्त थे वहीं मेरी शीशागरी रही
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
वही चश्मा-ए-बक़ा था जिसे सब सराब समझे
वही ख़्वाब मो'तबर थे जो ख़याल तक न पहुँचे
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
बोलती तस्वीर में इक नक़्श लेकिन कुछ हटा सा
एक हर्फ़-ए-मो'तबर लफ़्ज़ों के लश्कर में अकेला
राजेन्द्र मनचंदा बानी
ग़ज़ल
किसी के हक़ में मैं झूटी गवाही क्यों दे दूँ
कोई भी हो मेरे लफ़्ज़ों से मो'तबर तो नहीं