आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "naalaa-e-naaquusii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "naalaa-e-naaquusii"
ग़ज़ल
हमारे आह-ओ-नाला से ज़माना है तह-ओ-बाला
कभी है शोर सहरा में कभी है ग़ुल समुंदर में
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
ऐ सनम नाला ओ अफ़्ग़ाँ से मिरे शाम ओ सहर
दिल के बुत-ख़ाने में अब नग़्मा-ए-नाक़ूसी है
मोहम्मद अमान निसार
ग़ज़ल
हो मुक़ाबिल नाला-ए-दर्द-ए-दिल-ए-उश्शाक़ के
बाग़बाँ बुलबुल को ऐसा भी तराना याद है
मिर्ज़ा मासिता बेग मुंतही
ग़ज़ल
नाला-ए-जान-ए-ख़स्ता-जाँ अर्श-ए-बरीं पे जाए क्यों
मेरे लिए ज़मीन पर साहब-ए-अर्श आए क्यों