आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "nagma-e-khvaab"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "nagma-e-khvaab"
ग़ज़ल
वो सोज़-ओ-साज़ वो नग़्मा ख़याल-ओ-ख़्वाब हुआ
मिटा के हम को ज़माना बहुत ख़राब हुआ
उमा शंकर शादाँ ग्वालियरी
ग़ज़ल
फ़न्न-ए-मौसीक़ी से वाबस्ता है अपनी शायरी
हम ग़ज़ल पढ़ते हैं ऐ 'नग़्मा' हुनर के साथ-साथ
नग़मा ख़ैराबादी
ग़ज़ल
कर बैठे तर्क-ए-इश्क़ हम चाक-ए-गरेबाँ सी लिया
'नग़्मा' भी ख़ुद हैरान है हम पारसा इतने न थे
रूपा मेहता नग़मा
ग़ज़ल
फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी
ग़ज़ल
किस ख़ता पर ये उठाना पड़ी रातों की सलीब
हम ने देखा था अभी ख़्वाब-ए-सहर ही कितना
फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी
ग़ज़ल
'शान' अब हम को तो अक्सर शब-ए-तन्हाई में
नींद आती नहीं और ख़्वाब नज़र आते हैं
सय्यदा शान-ए-मेराज
ग़ज़ल
चश्म-ओ-अबरू के लिए अश्क हैं साज़-ओ-नग़्मा
मेरा गिर्या मिरी आँखों का ग़ज़ल-ख़्वाँ होना