आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "panting"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "panting"
ग़ज़ल
वो जिस को आप ने नायाब पेंटिंग कहा है
मुझे तो पाँच छे रंगों के चार ख़ाने लगे
सय्यद ज़ामिन अब्बास काज़मी
ग़ज़ल
मैं हूँ पतंग-ए-काग़ज़ी डोर है उस के हाथ में
चाहा इधर घटा दिया चाहा उधर बढ़ा दिया