aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "rakesh"
कुछ तो मिरे पिंदार-ए-मोहब्बत का भरम रखतू भी तो कभी मुझ को मनाने के लिए आ
मैं जानता हूँ कि सारे बुरे नहीं होतेमगर ये सच है कि सब एक से नहीं होते
आख़िरी दुख है ज़िंदगी का दुखज़िंदगी या'नी बेबसी का दुख
तुझे है प्यार तो यूँ करके चल दिखा मुझ कोसभी के सामने अपने गले लगा मुझ को
दिल के ज़ख़्मों को ज़माने से छुपाने के लिएहँसना पड़ता है यहाँ सब को दिखाने के लिए
चुप हूँ सब जानता मगर हूँ मैंये न समझो कि बे-ख़बर हूँ मैं
चराग़ ले के हथेली पे चल सकोगे क्याघना अंधेरा है बाहर निकल सकोगे क्या
कह दो दिल में जो बात बाक़ी हैये न सोचो कि रात बाक़ी है
असर होता नहीं है पत्थरों परहमें भी नाज़ है अपने सरों पर
तेरा दिल भी मिरे दिल जैसा अगर हो जाएकितना आसाँ मिरे जीवन का सफ़र हो जाए
क्यों मुझे लोग समझते कम हैंमेरे दिल में तो सभी के ग़म हैं
दीवारों से कान लगा कर बैठे होपहरे पर दरबान लगा कर बैठे हो
जिन को अपनी राहों में दिक्कतें नहीं मिलतीउन को अपनी मंज़िल की सोहबतें नहीं मिलती
उर्दू की शाइ'री है तो होगी ये बात भीइल्म-ए-अरूज़ भी है रुमूज़-ओ-निकात भी
अपने होने की झलक देता हैफ़न कहीं भी हो चमक देता है
गाहे-गाहे न मुझ को ग़िज़ा दीजिएभूक को मारने की दवा दीजिए
तिरे ही साथ मिरे यार है मिरी दुनियातिरे बग़ैर तो बे-कार है मिरी दुनिया
सितम सहते हुए हर दिन नई ख़्वाहिश से डरता हूँमिरी आँखों में ग़म है और मैं बारिश से डरता हूँ
कभी ईमान की बातें कभी किरदार की बातेंचलो छोड़ो हटो करने लगे बेकार की बातें
जब तलक आब-ओ-दाना लगता हैये जहाँ आशियाना लगता है
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