आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "razor"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "razor"
ग़ज़ल
क्यूँ न दाढ़ी अपनी करता जुम्बिश-ए-रेज़र की भेंट
ख़ंदा-ज़न इस शक्ल पर जब हल्क़ा-ए-अहबाब था
हाशिम अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
ख़्वाब-सरा-ए-ज़ात में ज़िंदा एक तो सूरत ऐसी है
जैसे कोई देवी बैठी हो हुजरा-ए-राज़-ओ-नियाज़ में चुप
उबैदुल्लाह अलीम
ग़ज़ल
निगाह-ए-नाज़ है इक काएनात-ए-राज़-ओ-नियाज़
जिधर करे वो इशारा उधर की बात करो
सूफ़ी ग़ुलाम मुस्ताफ़ा तबस्सुम
ग़ज़ल
हम भी बहुत मुश्किल न हों तू भी बहुत आसाँ न हो
ख़्वाबों की ज़ंजीरें न हों राज़ों के वीराने न हों
साक़ी फ़ारुक़ी
ग़ज़ल
रब्त-ओ-ज़ब्त-ए-बाहमी के हाए वो राज़-ओ-नियाज़
आशिक़ाना हुस्न था और इश्क़ मअशूक़ाना था
बिस्मिल सईदी
ग़ज़ल
ज़िंदगी में उस को कैफ़-ए-ज़िंदगी हासिल नहीं
जिस का दिल राज़-ओ-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं
एहसान दानिश
ग़ज़ल
सीना मदफ़न बन जाता है जीते जागते राज़ों का
जाँचना ज़ख़्मों की गहराई काम नहीं अंदाज़ों का