आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ruq.e"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ruq.e"
ग़ज़ल
जो रुके तो कोह-ए-गिराँ थे हम जो चले तो जाँ से गुज़र गए
रह-ए-यार हम ने क़दम क़दम तुझे यादगार बना दिया
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
जो आ के रुके दामन पे 'सबा' वो अश्क नहीं है पानी है
जो अश्क न छलके आँखों से उस अश्क की क़ीमत होती है
सबा अफ़ग़ानी
ग़ज़ल
ये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहें
यूँही कब तलक ख़ुदाया ग़म-ए-ज़िंदगी निबाहें
मजरूह सुल्तानपुरी
ग़ज़ल
न हम क़फ़स में रुके मिस्ल-ए-बू-ए-गुल सय्याद
न हम मिसाल-ए-सबा हल्क़ा-ए-रसन में रहे