आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "saahib"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "saahib"
ग़ज़ल
भरोसा किस क़दर है तुझ को 'अख़्तर' उस की रहमत पर
अगर वो शैख़-साहिब का ख़ुदा निकला तो क्या होगा
हरी चंद अख़्तर
ग़ज़ल
मिरे लिए तो है इक़रार-ए-बिल-लिसाँ भी बहुत
हज़ार शुक्र कि मुल्ला हैं साहिब-ए-तसदीक़
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
वही है साहिब-ए-इमरोज़ जिस ने अपनी हिम्मत से
ज़माने के समुंदर से निकाला गौहर-ए-फ़र्दा
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
मुद्दई बस्ता-ज़बाँ क्यूँ न हो सुन कर मिरे शेर
क्या चले सेहर की जब साहिब-ए-एजाज़ आया