आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sabiil"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "sabiil"
ग़ज़ल
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
किस की आँखों में ये ग़लताँ है जवानी की शराब
खोल दी आह ये किस ने मय-ए-गुल-गूँ की सबील
असरार-उल-हक़ मजाज़
ग़ज़ल
जब न मुझ से बन सकी उस तक रसाई की सबील
एक दिन मैं ख़ुद ही अपने रास्ते से हट गया
कृष्ण बिहारी नूर
ग़ज़ल
प्यास की बातें कहते सुनते कितने मौसम आए गए
कोई सबील-ए-कोह-कनी भी कब तक ज़िक्र-ए-क़हत-ए-आब