आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sabt-e-davaam"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "sabt-e-davaam"
ग़ज़ल
मयस्सर हो तो क़द्रे लुत्फ़ भी नेमत है याँ यारो
किसी का वादा-ए-ऐश-ए-दवाम अच्छा नहीं लगता
आल-ए-अहमद सुरूर
ग़ज़ल
कहो ये ख़िज़्र से भटके न यूँ ज़माने में
यहाँ से आब-ए-बक़ा-ए-दवाम ले साक़ी
कुँवर महेंद्र सिंह बेदी सहर
ग़ज़ल
हुज़ूर-ए-क़ल्ब है सरमाया-ए-हयात-ए-दवाम
नफ़स है ख़िज़्र मिरा उम्र-ए-जावेदाँ के लिए
साहिर देहल्वी
ग़ज़ल
नूर ओ ज़ुल्मत पर तबस्सुम कुफ़्र ओ दीं पर क़हक़हे
ज़िंदगी को नश्शा-ए-उम्र-ए-दवाम आ ही गया
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
अलविदा'अ ऐ ज़ो'म-ए-हस्ती अल-फ़िराक़ ऐ वहम-ए-ज़ीस्त
मौत बन कर मुज़्दा-ए-उम्र-ए-दवाम आ ही गया
रशीद शाहजहाँपुरी
ग़ज़ल
मैं असीर हूँ तिरी आँख का ये नशात-ए-हब्स-ए-दवाम है
यहाँ अब मशक़्क़त-ए-'इश्क़ है ये मिरी पसंद का काम है
सुहैल काकोरवी
ग़ज़ल
न शौक़-ए-लज़्ज़त-ए-दुनिया न ज़ौक़-ए-ऐश-ए-दवाम
हमारे दिल पे तिरी चश्म का फ़ुसूँ है बहुत