आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "samt"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "samt"
ग़ज़ल
सिराज औरंगाबादी
ग़ज़ल
उस सम्त वहशी ख़्वाहिशों की ज़द में पैमान-ए-वफ़ा
उस सम्त लहरों की धमक कच्चा घड़ा आवारगी
मोहसिन नक़वी
ग़ज़ल
अंधेरा ज़ेहन का सम्त-ए-सफ़र जब खोने लगता है
किसी का ध्यान आता है उजाला होने लगता है
वसीम बरेलवी
ग़ज़ल
नहीं हो तुम भी वो अब मुझ से यारो क्या छुपाओगे
हवा की सम्त को मिट्टी उड़ा कर देख लेता हूँ
अहमद मुश्ताक़
ग़ज़ल
गर्द-फ़शाँ हूँ दश्त में सीना-ज़नाँ हूँ शहर में
थी जो सबा-ए-सम्त-ए-दिल जाने कहाँ चली गई
जौन एलिया
ग़ज़ल
बे-सम्त हवाओं ने हर लहर से साज़िश की
ख़्वाबों के जज़ीरे का नक़्शा भी नहीं बदला