आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "self"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "self"
ग़ज़ल
रखा गया है हिफ़ाज़त से सेल्फ़ में मुझ को
कि जैसे मैं भी ख़ुसूसी कोई शुमारा हुआ
ख़ुर्शीद अफ़सर बसवानी
ग़ज़ल
जहाँ रहबरी के कमाल में कई नाम थे मिरे सल्फ़ के
मैं उसी का गर्द-ओ-ग़ुबार हूँ वही क़ाफ़िला जो गुज़र गया
आबिदा करामत
ग़ज़ल
मिरा कलाम भी मेरी ही तरह है 'नक़वी'
अब उस के शेल्फ़ में कब देखिए किताब सजे
सय्यद मोहम्मद अहमद नक़वी
ग़ज़ल
आ जाए तो तन्हाई के इस शेल्फ़ से निकलूँ
खुल जाऊँ किताबों की तरह और पढ़े वो