आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "shahrzaad ke naam intizar hussain ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "shahrzaad ke naam intizar hussain ebooks"
ग़ज़ल
न मेरा ए'तिबार उन को न मुझ को ए'तिबार अपना
न होता काश अपने वास्ते दिल बे-क़रार अपना
शैख़ हुसैन सालिक
ग़ज़ल
मुझे 'शोर' दे रहे हैं वो फ़रेब-ए-तेज़-गामी
कि जो दो क़दम भी चलते तो न ए'तिबार होता
मंज़ूर हुसैन शोर
ग़ज़ल
ख़मोशियों की उसे क्यूँ न इंतिहा कह दूँ
ज़बाँ ख़मोश हैं आँखों में भी सवाल नहीं
नवीन सी. चतुर्वेदी
ग़ज़ल
हसीनों की मोहब्बत का न कर कुछ ए'तिबार ऐ दिल
ये ज़ालिम किस के होते हैं ये किस को याद करते हैं